दिल में दर्द बहुत हैं
किस से कहे हम
ना कोई हमदर्द हैं
छोड़ गए सब
जिसका पकड़ा हाथ हमने
वो बोले हम बुरे बहुत हैं
अच्छी बुरी जैसी भी हूँ अपने लिए हूँ मैं खुद को नहीं देखती ओरों की नज़र से तारुफ़ के लिए इतना ही वो रिश्ता छोड़ देते हैं जो रिश्ता आम होता हैं
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Thankyou