Wednesday, May 5, 2010

अब हम पहले जैसे ना रहे


अब हम पहले जैसे ना रहे

कहाँ हैं हम खुद का पता ना रहे

गुम हो चुके के हैं इस दुनिया की चकाचोंध में

कहाँ हैं मेरी मंजिल, मंजिल का पता ना रहे

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