तुझे भूल जाने के ख्याल से डर लगता हैं
ज़िन्दगी कैसे बितायेगे हम
ये सोचकर डर लगता हैं
अब तो आजाओ तुम मेरे पास
कही मुझे भूल ना जाओ तुम
ये सोच कर डर लगता हैं
अच्छी बुरी जैसी भी हूँ अपने लिए हूँ मैं खुद को नहीं देखती ओरों की नज़र से तारुफ़ के लिए इतना ही वो रिश्ता छोड़ देते हैं जो रिश्ता आम होता हैं
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Thankyou