वक़्त मिला तब याद करते हो ,
मुड हुआ तब बात करते हो ,
एक ज़माना था जब एक पल भी रह नहीं सकती थे
बिना इस दोस्त के ,
अब तो याद भी एक ज़माने के बाद करते हो !!
अच्छी बुरी जैसी भी हूँ अपने लिए हूँ मैं खुद को नहीं देखती ओरों की नज़र से तारुफ़ के लिए इतना ही वो रिश्ता छोड़ देते हैं जो रिश्ता आम होता हैं
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Thankyou