
दूर जाकर भी उनसे दूर जा ना सके ,
कितना रोये ये किसी को बता ना सके .
गम ये नहीं के वो मिल ना सके
दर्द सिर्फ ये है की हम उनको भुला ना सके .
अच्छी बुरी जैसी भी हूँ अपने लिए हूँ मैं खुद को नहीं देखती ओरों की नज़र से तारुफ़ के लिए इतना ही वो रिश्ता छोड़ देते हैं जो रिश्ता आम होता हैं
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Thankyou