Monday, March 22, 2010


मुस्कुराते रहो......

ये दुनीया एक सुख -दुःख की बगीया ,
फूल बनकर इसे महकाते रहो,
तुम बस मुस्कुराते रहो......

हर पल हर लम्हा जींदगी का, कीमती है दोस्तों
समेटकर बाहों मे इन्हें, मीठी यादें बनाते रहो,
कभी लगे जब जींदगी मायुश सी उदास सी,
खोलकर बाहैँ अपनी,ख़ुशी के ये पल लुटाते रहो,
तुम बस मुस्कुराते रहो.............

दील से ढूंदो तो पाओगे हर साज जिंदगी में ,
जोड़कर इन साजों को ,गीत ख़ुशी के बनाते रहो,
कभी जब गीरने को हो आंशु आँखों से,
बंद कर आँखें अपनी,ख़ुशी के ये गीत गाते रहो,
तुम बस मुस्कुराते रहो.............

माना की गम तो जींदगी मे आते ही रहेंगे,
ग़मों को लगाकर गले,दोस्त अपना बनाते रहो,
देखना एक दिन जींदगी आकर कहेगी तुमसे ,
इसी तरह लोगों को जींदगी जीना सिखाते रहो,
तुम बस मुस्कुराते रहो............

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